ब्रज डिक्शनरी

ब्रज हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश

ब्रज शब्दकोश का महत्व

किसी भी भाषा की मधुरता उसे लोकप्रिय बना देती है। यही वजह है कि सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानंद, बिहारी जैसे तमाम कवियों ने अपनी रचनाओं के लिए ब्रजभाषा का सहारा लिया। इस भाषा की मिठास ने उत्तर से लेकर दक्षिण तक तमाम संतों और कवियों को आकर्षित किया। जैसे कि मीरा राजस्थान, नरसी गुजरात तो नामदेव महाराष्ट्र के थे। इनके अलावा गोस्वामी तुलसीदास, भिखारीदास, पद्माकर, बनारसीदास, लल्लूलाल, गुरु नानक, गुरु गोविंद सिंह आदि कई अन्य नाम हैं जो इस भाषा के मोह से बच नहीं पाए। केरल के महाराजा राम वर्मा, 'स्वाति-तिरुनालके नाम से ब्रजभाषा में कविता करते थे। वीर रस के लिए इस भाषा का प्रयोग सर्वप्रथम महाकवि भूषण ने किया। भारतेंदु हरिश्चंद्र एवं उनके पिता गिरधरदास आधुनिक  युग के अच्छे रचनाकार माने जाते हैं। इसी युग में ब्रजभाषा के व्याकरण पर डॉ. धीरेंद्र वर्मा, किशोरी दास वाजपेयी आदि ने महत्वपूर्ण कार्य किया।

ब्रजभाषा का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से माना जाता है। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और इससे सटे राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के क्षेत्रों में इस भाषा का विकास हुआ। उत्तर प्रदेश में मथुरा, अलीगढ़हाथरस, आगरा, मैनपुरी, एटा, कासगंज, राजस्थान में भरतपुर, हिण्डौन सिटी, धौलपुर मध्यप्रदेश में ग्वालियर, मुरैना, हरियाणा में पलवल आदि जगहों पर आज भी यह संवाद की अहम भाषा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इस भाषा का प्रसार उत्तराखंड उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों तक हुआ। बुंदेलखंड की बुंदेली को भी  ब्रजभाषा का ही रूपांतरण माना जाता है।

भारत में 19 वीं शताब्दी तक काव्य भाषा के तौर पर अपना वर्चस्व बनाए रखने वाली ब्रजभाषा कलाकारों, गायकों और संगीतकारों के दिलों की धड़कन रही है। ध्रुपद, धमार, ख़याल, ठुमरी या दादरा जैसी शैली के गायकों ने इसका भरपूर उपयोग किया। गढ़वाल, कांगड़ा, गुलेर बूंदी, मेवाड़, किशनगढ़ आदि की कला पर इसकी छाप दिखाई देती है। जानकारों का मानना है कि क़रीब सात शताब्दियों तक ब्रजभाषा देश की सांस्कृतिक एकता की एक महत्वपूर्ण कड़ी बनी रही। ब्रजभाषा की इसी ख़ूबसूरती तथा इसमें करोड़ों लोगों की रुचि को ध्यान में रखते हुए हिन्दवी डिक्शनरीने इसकी शब्द-संपदा को भाषाओं के संरक्षण और संवर्द्धन की अपनी योजना का हिस्सा बनाया है। हमारी यह पहल ब्रजभाषा शब्दकोशका उपयोग करने वालों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। 

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