घ के अर्थ :

घ के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का चौथा व्यंजन वर्ण
  • the fourth consonant of Devanagari alphabet.

घ के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the fourth consonant and the fourth member of the first pentad (i.e. कवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

घ के हिंदी अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला के व्यंजनों में से 'क' वर्ग का चौथा व्यंजन जिसका उच्चारण जिह्वामूल या कंठ से होता है, यह स्पर्श वर्ण हैं, इसमें घोष, नाद, संवार और महाप्राण प्रयत्न होते हैं

    उदाहरण
    . घ का उच्चारण स्थल कंठ है।

घ के अंगिका अर्थ

घ:

  • हैय अंगिका वर्णमाला में स्पर्ष व्यंजन केरों अंर्तगत कवर्ग रों चौथा वर्ण छेकय, हेकरों उच्चारण स्थान कंठ छै

संज्ञा, पुल्लिंग

  • 'घ' अक्षर

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • घर्घर शब्द

घ के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला के 'क' वर्ग का चौथा व्यंजन वर्ण इसका उच्चारण-स्थान कंठ है

घ के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घाव, चोट

    विशेष
    . ‘घ पड़ण'- चोट लगने से निशान पड़ना, घ करण चिह्न डालना, पेड़ पर लीसा आदि निकालने के लिए तने को छीलना, बिरोजा एकत्र करने के लिए वृक्ष की छाल उतारना।

घ के बुंदेली अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला देवनागरी लिपि के 'क' वर्ग का चतुर्थ वर्ण इसका उच्चारण स्थान कंठ्य है

घ के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घंटा
  • घरघर शब्द
  • मेघ
  • घाम

घ के मैथिली अर्थ

  • वर्णमाला का चौथा व्यंजन
  • 4th consonant of alphabet.

घ के मालवी अर्थ

  • 'क' वर्ग का व्यंजन

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