punnaag meaning in braj
पुंनाग के ब्रज अर्थ
- चंपा का एक प्रकार
- देखिए : 'पुंडरीक'
- श्रेष्ठ पुरुष
- जायफल
- चंपा का एक प्रकार
- देखिए : 'पुंडरीक'
- श्रेष्ठ पुरुष
- जायफल
पुंनाग के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
सुल्तान चंपा
विशेष
. इसका पेड़ बड़ा और सदाबहार होता है। पत्तियाँ इसकी गोल अंडाकार, दोनों सिरों पर प्रायः बराबर चौड़ी और चंपा की पत्तियों से मिलती-जुलती होती हैं। टहनियों के सिरे पर लाल रंग के फूल गुच्छों में लगते हैं। फूलों में केसर होता है जो पुन्नाग केसर कहलाता है और दवा के काम में आता है। फल भी गुच्छों में ही लगते हैं। इस पेड़ की लकड़ी बहुत मज़बूत ललाई लिए बादामी रंग की होती है। यह इमारतों में लगती है, जहाज़ के मस्तूल बनाने, रेल की पटरी के नीचे देने तथा और बहुत से कामों में आती है। छाल को छीलने से एक प्रकार का रस या गोंद निकलता है। जिसमें सुगंध होती है। फलों के बीज से तेल निकलता है। पुन्नाग के पेड़ दक्षिण मद्रास प्रांत में समुद्रतट पर बहुत अधिक होते हैं। उड़ीसा, सिंहल में भी यह पेड़ आपसे आप होता है। समुद्रतट की रेतीली भूमि में जहाँ और कोई पेड़ नहीं होता वहाँ यह अपने फल फूल की बहार दिखाता है। वैद्यक में पुन्नाग मधुर, शीतल, सुगंध और पित्तनाशक माना जाता है।उदाहरण
. साल ताल हिंताल तमालन बंजुल धवा पुनागा। . पुन्नाग की टहनियों के सिरे पर लाल रंग के फूल गुच्छों में लगते हैं। - सफे़द रंग का कमल, श्वेत कमल
- एक सुगंधित फल जो औषध और मसाले के काम में आता है, जायफल
- मनुष्यों में बड़ा, पुरुषश्रेष्ठ
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