अगन

अगन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अगन के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • अगण, अशुभ गण

    उदाहरण
    . म न य भ गन सुभ चारि है, र, स, ज, त अगनी चारि ।

  • छंदशास्त्र में तीन-तीन वर्गों के जो आठ गण माने गए हैं, उनमें से चार अर्थात् जगण, रगण, संगण और तगण अशुभ गण माने जाते हैं जिन्हें कविता के आदि में रखना अशुभ समझा जाता है
  • देखिए : 'आँगन', कौं

स्त्रीलिंग

  • देखिए : 'अगनि'

विशेषण

  • अगण्य, अगणित, असंख्य

    उदाहरण
    . बहुरि दियो दाइज अगन गनि न जाए। . ससि अखंड मंडल ज गगन मैं । राजत भयो नक्षत्र अगन मैं।

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