akal meaning in braj
अकल के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- जिसके अवयव न हों, अवयव रहित
- अखंड सर्वांगपूर्ण
- जिसका अनुमान न लगाया जा सके, परमात्मा का एक विशेषण
-
आकर्षण अंज्ञात
उदाहरण
. मैं अविगत अज अकल हों यह मम न पायो। सूर
विशेषण
- विकल , व्याकुल , बेचैन
स्त्रीलिंग
-
दे० 'अकिल' , अकलै दे० 'अकिलौ' 'अकलौ' , अकेला
उदाहरण
. कान्ह हे बहुतायत मैं अकलैन की बेदन जानो कहा तुम ।
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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