anaadar meaning in braj
अनादर के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, सकर्मक
- निरादर , असम्मान, अप्रतिष्ठा , अवज्ञा
-
अपमान , बेइज्जती , तिरस्कार
उदाहरण
. कर अनादर कंत को प्रगट जनाब कोप ।
संज्ञा, पुल्लिंग
- दे० 'अनर'
-
तिरस्कार करना, आदर न देना
उदाहरण
. या रस के प्रतिबंधक जेते उनि बातनि अनदरि रे रसना।
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