annkuuT meaning in braj
अन्नकूट के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
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अन्न का पहाड़ या ढेर
उदाहरण
. गोबर्धन सिर तिलक चढ़ायौ, मेटि इंद्र ठकु- राइ । अन्नकूट ऐसो रचि राख्यौ, गिरि की सूर १०/८३२/४३७ उपमा पाइ । - एक उत्सव जो कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा पर्यन्त यथारुचि किसी दिन (विशेषतः प्रतिपदा को वैष्णवों के यहाँ) होता है, उस दिन नाना प्रकार के भोजनों की ढेरी लगाकर भगवान का भोग लगाते हैं
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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