apsar meaning in braj
अपसर के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- आप ही आप, मनमान, मन ही मन
अकर्मक क्रिया
- स्वर्ग नर्तकी, परमसुंदर स्त्री, अप्सरा
-
वाष्पकण, पेरों, उधारे
उदाहरण
. रहै अपसर ही की सोभा जो अनूप धरि सुभग निकाई लीने चतुर सुनारी है।
संज्ञा, पुल्लिंग
-
दूर होना, हटना, खिसकना, सरकना
उदाहरण
. बारम्बार सरक मदिरा की अपसर रहत।
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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