ashTaang meaning in braj
अष्टांग के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
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योग की क्रिया के आठ भेद-यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि
उदाहरण
. सो अष्टांग जोग को करें। - आयुर्वेद के आठ विभाग-शल्य, शालाक्य १५२ कायाचिकित्सा, भूतविद्या, कौमारभृत्य, अगदतंत्र, रसायनतंत्र और वाजीकरण
- शरीर के आठ अंग-जानु, पद, हाथ, उर, शिर, वचन, दृष्टि, बुद्धि
- अर्घविशेष जो सूर्य को दिया जाता है, इसमें जल, क्षीर, कुशाग्र, घी, मधु, दही, रक्त-चन्दन और करवीर होते हैं
विशेषण
- आठ अवयव वाला
- अठपहल
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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