चार

चार के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - चर्मार

चार के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • चमड़े का कार्य करने वाली एक जाति विशेष, चर्मकार
  • चार की संख्या

पुल्लिंग

  • चाल , गति ; आचार ; रीति ; कारागार ; गुप्तचर; सेवक ; भक्षण , खाना, ८. कृत्रिम विष

सकर्मक क्रिया

  • चराना , चुगाना

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