काण्ड

काण्ड के अर्थ :

काण्ड के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • बांस, नरकट, ईख आदि का पोर; सरकंडा; तना; तने का वह भाग जहाँ से ऊपर चलकर डालियाँ निकलती हैं; डाली, शाखा ; गुच्छा; धनुष के मध्य का भाग , ८. किसी ग्रंथ का कार्य या विषय का विभाग जैसे -कर्मकांड, 9. किसी ग्रंथ का विभाग, १०. समूह ११. हाथ

    उदाहरण
    . जैसे कांड सु बधिक चनकटि होत हैं बिखुसानें ।

  • १४. खेत की माप विशेष , १५. खुशामद , १६. जल , १७. निर्जन-स्थान , एकांत , १८. अवसर , १६. व्यापार, २०. लीला, २१. प्रपञ्च , २२. घटना
  • कुत्सित , बुरा

पुल्लिंग

  • गन्ने का पोर

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