karaN meaning in braj
करण के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- व्याकरण का तीसरा कारक
- हथियार
- इंद्रिय
- देह
- करना, क्रिया
- स्थान
- हेतु
- तिथियों का एक विभाग
- नृत्य-कला में हाथ द्वारा प्रदर्शन विशेष
- गणित में वह संख्या जिसका वर्गमूल पूरा-पूरा न निकल सके
- जाति विशेष
- योगियों का एक आसन
- कान
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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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