माया

माया के अर्थ :

माया के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • लक्ष्मी, धन संपत्ति

    उदाहरण
    . माया चलाय कहीं क्यों चल चल, अपने संग न अपनी कायर ।

  • अविद्या , भ्रम ; सृष्टि की उत्पत्ति का मुख्य साधन ; ईश्वर की शक्ति विशेष ; इंद्रजाल ; वर्णवृत्त विशेष; मयदानव को कन्या, इसका विवाह विभ्रवा से हुआ था , इसके पुत्र का नाम खर, दूषण और त्रिशरा था , ८. दुर्गा का एक नाम ९. गौतम को माता का

    उदाहरण
    . है उचित बनिता के माया के पधारिये ।


  • देखिए : 'मस्तक'

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