mahaakaavya meaning in braj
महाकाव्य के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- सर्गबद्ध रचना, इसमें आठ सर्ग या अध्याय होते हैं, इसका नायक देवता, राजा अथवा धीरोदात्त गुण संपन्न क्षत्रिय होता है, इसमें शृंगार, वीर, शांत रसों में से किसी एक रस की प्रधानता होती है, बीच-बीच में अन्य रसों का समावेश आवश्यक होता है
- सर्गबद्ध रचना, इसमें आठ सर्ग या अध्याय होते हैं, इसका नायक देवता, राजा अथवा धीरोदात्त गुण संपन्न क्षत्रिय होता है, इसमें शृंगार, वीर, शांत रसों में से किसी एक रस की प्रधानता होती है, बीच-बीच में अन्य रसों का समावेश आवश्यक होता है
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