sakuch meaning in braj
सकुच के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
लजाना , संकोच करना
उदाहरण
. हम सों जो चाहत कट्यो, कत जिय नकुषत दे० १,६६/२५१ - सिकुड़ना
विशेषण, स्त्रीलिंग
-
दे० 'संकोच' ; लाज ; डर , भय
उदाहरण
. देखि सहस सकुच मानत राखि सकत न ईस । -
संकुचित , कसा हुआ; कुच सहित
उदाहरण
. –छतियाँ सकुच वाकी को कहै समान तात ।
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