suut meaning in braj
सूत के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- सोना ; एक साथ किसी चीज को खीचकर 'पृथक कर देना
विशेषण, पुल्लिंग
- रथवान । सारथी।; रेशम का महीन सूत।; गंडा। करधनी; नाप का एक मान ; निशान डालने की डोरी; बंदी , भाट , चारण ; विश्वामित्र के एक पुत्र का नाम , ८. बढ़ई, ९. सूर्य , ९. सूर्य , १०. पारा ११. थोडे अक्षरों में विस्तृत अर्थ प्रकट करने वाली रचना
- उत्पन्न , प्रेरित
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