viirya meaning in braj
- स्रोत - संस्कृत
- देखिए - रज
वीर्य के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- शरीर की सात धातुओं में से प्रधान धातु जिससे शरीर में बल और तेज आता है और जो संतान का मूल है
- सार, तत्व
- बल, शक्ति
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