व्रीही

व्रीही के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

व्रीही के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • छोटे छोटे चावल, अन्न विशेष
  • 'श' नागरी वर्णमाला का प्रथम ऊष्म वर्ण इसका उच्चारण स्थान तालु है, इसलिए इसे तालव्य 'श' कहते हैं

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