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1.
पाई
चौथा भाग, एक चतुर्थीश सूचित करने वाली खड़ी रेखा, प्राचीन गणित में एक मन भार या एक रुपये के चतुर्थाश की द्योतक खड़ी रेखा, एक पुराना सिक्का जो पैसे का तिहाई होता था
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2.
पाई
किसी एक ही निश्चित घेरे या मंडल में नाचने या चलने की क्रिया , मंडल घूमना , गोड़ापाही
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3.
पुँ
अंकुर, अंकुर से निकला हुआ पल्लव का आदि रूप, पिंडकार गुम्फ
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4.
पुराना
जो किसी समय के बहुत पहले से रहा हो , जो किसी विशेष समय में भी हो और उसके बहुत पूर्व तक लगातार रहा हो , जिसे उत्पन्न हुए, बने या अस्तित्व में आए बहुत काल हो गया हो , जो बहुत दिनों से चला आता हो , बहुत दिनों का , जो नया न हो , प्राचीन , पुरातन , बहुपूर्वकालव्यापी , जैसे, पुराना पेड़, पुराना घर, पुराना जूता, पुराना चावल, पुराना ज्वर, पुराना बैर, पुरानी रीति
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5.
पहुँचना
एक स्थान से चलकर, दूसरे स्थान में प्रस्तुत या प्राप्त होना, गति द्वारा किसी स्थान में प्राप्त या उपस्थित होना, जैसे— लड़कों का पाठशाला में पहुँचना, घड़े के अंदर हाथ पहुँचना