रत

रत के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - रतकमियाँ, रतका, रतगरे, रतजगी, रतढल

रत के मगही अर्थ

विशेषण

  • लीन; अनुरक्त

  • रात में किया जाने वाला काम; रात में काम करने वाला व्यक्ति

  • रात का; रात का बना, बासी; जो रात में हो, रात से संबंधित; यथा: रतकवा गाड़ी रतकवा रोटी

  • रात रहते ही

  • रात भर होने वाला आनंदोत्सव; उत्सव आदि के क्रम में रात का जागरण; विवाह में मरजाद की रात को होने वाला नाच-गाना या जलसा; रात में जागने के कारण हुई शिथिलता

  • पानी से लगातर भीगने के कारण रस्सी का भीतर-भीतर सड़कर कमजोर होना; ईख कामिठास कम होकर पनछुछर (पानी जैसा) होना , दे. 'रतायल'

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