सदा बरत

सदा बरत के अर्थ :

  • स्रोत - हिंदी

सदा बरत के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सदावर्त, धर्मादा, राशन का बँटवारा करने वाली संस्था, अन्नक्षेत्र, वह स्थान जहाँ गरीबों को नित्य नियम से भोजन मिलता हो।

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