arthaapatti meaning in braj

अर्थापत्ति

अर्थापत्ति के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अर्थापत्ति के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • ऐसा प्रमाण जिसमें एक बात से दूसरी बात की सिद्धि आप ही आप हो जाय
  • एक प्रकार का अलंकार जिसमें एक बात के कथन से दूसरी बात की सिद्धि\ दिखलायी जाय , इसे काव्यार्थापत्ति भी कहते हैं

    उदाहरण
    . कहत काव्यपद सहित तह अर्थापत्ति सुजान ।

अर्थापत्ति के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मीमांसा के अनुसार एक प्रकार का प्रमाण जिसमें एक बात कहने से दूसरी बात की सिद्धि आप— से आप हो जाय, नतीजा, निगमन; जैसे—'बादलों के होने से वृष्टि होती है', इससे यह सिद्धि हुआ कि बिना बादल के वृष्टि नहीं होती, न्यायशास्त्र में इसे पृथक् प्रमाण न मानकर अनु— मान के अंतर्गत माना है
  • एक अर्थालंकार जिसमें एक बात के कथन से दूसरी बात की सिद्धि दिखलाई जाय, इसअलंकार में वास्तव में यह दिखाया जाता हैं कि जब इतनी बड़ो बात हो गई, तब यह छोटी बात होने में क्या संदेह है; जैसे— (क) मुख जीत्यो वा चंद को कहा कमल की बात, (ख) जिसने शालिग्राम को भूना, उसे बैंगन भूनते क्या लगता है

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