अरवन

अरवन के अर्थ :

अरवन के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • पहले-पहल या कच्ची काटी जानेवाली फ़सल

    उदाहरण
    . अरवन देवपूजन के निमित्त होता है।

  • वह फसल जो पहले पहल काटी जाय और खलिहान में न ले जाकर घर पर लाई जाय, इसके अन्न से प्रायः देवताओं की पूजा होती है और ब्राह्नण आदि को खिलाए जाते हैं, अवई, अवरी, अवाँसी, कवल, कवारी

देशज ; संज्ञा

  • बिना दाँत का

अरवन के अंगिका अर्थ

  • उधैना, रस्सी का फंदा जिसमें लोटा घड़ा आदि फसाया जाता है

अरवन के मगही अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लोटा या उस आकार के पात्र के मुँह के चारों ओर बँधी रस्सी जिससे पानी खींचने तथा लटकाने में सुविधा होती है

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