ashTmangal meaning in braj

अष्टमंगल

अष्टमंगल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

अष्टमंगल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • आठ मंगल द्रव्य या पदार्थ—सिंह, वृष, नाग, कलश, पंखा, वैजयंती, भेरी और दीपक, अन्य मतानुसार—ब्राह्मण, गो, अग्नि, सुवर्ण, घी, सूर्य, जल और राजा
  • एक घृत जो वच, कुट, ब्राह्मी, सरसों, पीपल, सरिवा, सेंधा नमक और घी इन आठ औषधियों से बनाया जाता है

अष्टमंगल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आठ प्रकार के मंगल द्रव्य या पदार्थ—सिंह, वृष, नाग, कलस, पंखा, वैजयंती, भेरी और दीपक, किसी किसी के मत से—ब्रह्माण, गो, अग्नि, सुवर्ण, घी, सूर्य, जल और राजा हैं
  • एक घृत जो वच, कुट, ब्राह्मी, सरसों, पीपल, सारिवा, सेंधा नमक और इन आठ औषघियों से बनाया जाता है

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