चा

चा के अर्थ :

चा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • संस्कृत या हिंदी वर्णमाला का 22वाँ अक्षर और छठा व्यंजन जिसका उच्चारण स्थान तालु है, यह स्पर्श वर्ण है और इसके उच्चारण में श्वास, विवार, घोष और अल्पप्राण पर यत्न लगते हैं

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कच्छप, कछुआ
  • चंद्रमा
  • चोर
  • दुर्जन
  • शिव
  • चर्वण, भक्षण
  • चाव

  • निर्बींज
  • बुरा, अधम
  • शुद्ध

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • और

क्रिया

  • देखिए : 'चाय'
  • आचरण, चाल-चलन
  • वह जो किया जाय, आचरण, जैसे-वता, दिनचर्य्या आदि

चा के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

चा के कुमाउँनी अर्थ

चा के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का छठा व्यंजन वर्ण

  • है, होना क्रिया का वर्तमान कालिक एकवचन रूप, गढ़वाली की सर्वाधिक आवृति वाली आस्तिववाची क्रिया
  • the sixth consonant of Devanagari alphabet.

  • is.

चा के मालवी अर्थ

  • मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला के 'च' वर्ग का अक्षर

  • ही (निश्चय वाचक) ओर

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