chitrottar meaning in hindi
चित्रोत्तर के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह काव्यालंकार जिसमें प्रश्न ही के शब्दों में उत्तर हो या कई प्रश्नों का एक ही उत्तर हो, जैसे,— (क) कोकहिये जल सो सुखी काकहिये पर श्याम, काकहिये जे रसबिना कोक हिये सुख बाम, इसमें 'कोक' 'काक' 'पाम' आदि उत्तर दोहे के शब्दों ही में निकल आते हैं, (ख) गाउ पीठ पर लेहु अंग राग अरु हार करु, गृह प्रकाश कर देहु कान्ह कह्यो 'सारंग नहीं', यहाँ 'सारंग नहीं' से सब प्रश्नों का उत्तर हो गया, (ग) को शुभ अक्षर ? कौन युवति जो धन वश कीनी ? विजय सिद्धि संग्राम राम कहँ कौने दिनी? कंसराज यदुवंश बसत कैसे केशवपुर ? बट सों कहिए कहा ? नाम जानहु अपने उर, कहिं कौन युपति जग जनन किय कमलनयन सूक्षम बरणि ? सुन वेद पुराणन में कहीं सनका- दिक 'शंकरतरुणि', इसे 'प्रश्नोत्तर' भी कहते हैं
चित्रोत्तर के तुकांत शब्द
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