चोप

चोप के अर्थ :

चोप के मगही अर्थ

देशज ; संज्ञा

  • ताड़ के व्रत (खगड़ा, डाल) का रेशा जिसकी रस्सी बनती है; इस रेशे की रस्सी; शामियाने का खंभा यथा: बत्तिस चोंप के सामियाना; ताशा, नगाड़ा आदि को बजाने की लकड़ी, चोब; बाजों पर बजाने के धुन की इकाई; (चपचपा) आम आदि फलों का रस, लस्सी, दूध; (चाव) इच्छा, चाह, उमंग

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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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