dvaadashaang meaning in hindi
द्वादशांग के हिंदी अर्थ
विशेषण
- जिसके 12 अंग या अवयव हों
संज्ञा, पुल्लिंग
-
बारह गंधद्रव्यों के योग से बनी हुई पूजा में जलाने की धूप
विशेष
. बारह द्रव्य ये हैं— गुग्गुल, चंदन, तेजपात, कुट, अगर, केशर, जायफल, कपूर, जटामासी, नागरमोथा, तज और खस। -
जैनों का वह ग्रंथसमूह जिसे वे गणधरों का बनाया मानते हैं
विशेष
. इसके बारह भेद हैं— आचारांग, सूत्रकृतांग, स्थानांग, समावायांग, भगवतीसूत्र, ज्ञानधर्मकथा, उपासक दशांग, अंतकृद्दशांग, अनुत्तरोपपत्तिकांग, प्रश्नव्याकरण, विपाकसूत्र और दृष्टिवाद।
द्वादशांग के तुकांत शब्द
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