jaii meaning in magahi
जई के मगही अर्थ
अरबी ; संज्ञा
- जौ की जाति का एक पौधा, उसका अन्न; दशहरा के अवसर पर उगाए मंगलसूचक जौ के छोटे-पौधे जिसे दक्षिणा के लिए ब्राह्मण लोग यजमान को बांटते हैं, जवारा, जैती
जई के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Feminine
- oat
- new shoots of barley
जई के हिंदी अर्थ
संस्कृत, हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
जौ की जाति का एक अन्न, जौ की तरह का एक अनाज जो अक्सर घोड़ों को खिलाया जाता है
विशेष
. इसका पौधा जौ के पौधे से बहुत मिलता जुलता है और जौ के पोधै से अधिक बढ़ता है । जौ, गेहूँ आदि की तरह यह अन्न भी वर्षा के अंत में बोया जाता है । बोने के प्रायः एक महीने बाद इसके हरे डंठल काट लिए जाते हैं जो पशुओं के चारे के काम आते हैं । काटने के बाद डंठल फिर बढ़ते हैं और थोड़े ही दिनों में फिर काटने के योग्य हो जाते हैँ । इस प्रकार जई की फसल तीन महीने में तीन बार हरी काटी जाती है और अंत मे अन्न के लिये छोड़ दी जाती है ��� चौथी बार इसमें प्रायः हाथ भर या इससे कुछ कम लंबी बालें लगती है । इन्हीं वालों में जई के दाने लगते हैं । बोने के प्रायः साढ़े तीन या चार महीने बाद इसकी फसल तैयार हो जाती है । फसल पकने पर पीली हो जाती है और पूरी तरह पकने से कुछ पहले ही काट ली जाती है, क्योंकि अधिक पकने से इसके दाने झड़ जाते हैं और डंठल भी निकम्मे हो जाते है । एक बीघे मे प्रायः बारह तेरह मन अर और अठारह मन डंठल होते हैं । इसके लिये दोमट भूमि अच्छी होतो है और अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है । इस देश में जई बहुधा घोड़ो आदि को ही खिलाई जाती है, पर जिन देशों में गेहुँ, जौ आदि अच्छे अन्न नहीं होते वहाँ इसके आटे की रोटियाँ भी बनती हैं । इसके हरे डंठल गेहूँ और जौ के भूसे से अधिक पोषक होते है और गौएँ, भैंसें और घोड़े आदि उन्हें बड़े चाव से खात है । -
जौ का छोटा अंकुर, किसी पौधे का नया अंकुर
विशेष
. हिंदुओं के यहां नवरात्र में देवी की स्थापना के साथ थोड़े से जौ भी वोए जाते है । अष्टमी या नवमी के दिन वे अंकुर उखाड़ लिए जाते है और ब्राह्मण उन्हें लेकर मंगल— स्वरूप अपने यजमानों की भेंट करते है । उन्हीं अंकुरों को जई कहते है । इस अर्थ में इनके साथ 'देना' 'खोंसना' आदि क्रियाओं का भी प्रयोग होता है । -
उन फलों की बतिया या फली जिनमें बतिया के साथ फूल भी लगा रहता है , जैसे, खीरे की जई, कुम्हड़े की जई
उदाहरण
. बचन सुपत्र मुकुल अवलोकनि, गुननिधि पहुप मई । परस परम अनुराग सींचि मुख, लगी प्रमोद जई ।
संस्कृत ; विशेषण
- 'जयी'
जई के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएजई से संबंधित मुहावरे
जई के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- जंगली जौ, छोटा पतला जौ
जई के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- जौ की जाति का एक अनाज जो घोड़ों को खिलाया जाता है. 2. ओट. 3. जौं का अँखुआ
जई के कुमाउँनी अर्थ
विशेषण
- जला हुआ, 'जुई वट' --जली रोटी
जई के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- जौ की जाति का एक अनाज जो प्रायः पशुओं को दिया जाता है
Noun, Feminine
- oats, species of barley commonly used as fodder.
जई के बघेली अर्थ
क्रिया
- जाइये, जाओ, जायें
जई के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- जौ की जाति का एक अन्न
जई के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक पशु, चारा, एक पौधा जो अपामार्ग की जाति का होता है, जवा की जाति का अन्न
जई के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
-
जौ , ज्वार; कुम्हड़े की बतिया
उदाहरण
. प्रीति कुम्हेंडे की जैहै जई सम । -
अंकुर
उदाहरण
. सूरदास स्वामी के विछुर, लागी प्रेम जई।
जई के मालवी अर्थ
क्रिया
- जा रही, जाती हूँ, जा रही हूँ।
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