ka meaning in english
क के अँग्रेज़ी अर्थ
- the first consonant and the first member of the first pentad (i.e. कवर्ग) of the Devna:gri: alphabet
क के हिंदी अर्थ
- हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन, जो भाषा-विज्ञान और व्याकरण की दृष्टि से कंठ्य, स्पर्शी, अल्पप्राण तथा अघोष माना गया है, हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन वर्ण जिसका उच्चारण कंठ से होता है, इसे स्पर्श वर्ण भई कहते हैं, ख, ग, घ और ङ इसके सवर्ण हैं
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- ब्रह्मा
- विष्णु
- कामदेव
- सूर्य
- प्रकाश
- दक्ष प्रजापति
- अग्नि
- वायु
- राजा
- यम
- आत्मा
- मन
- शरीर
- काल, समय
- धन
- मयूर
- शब्द
- ग्रंथि, गाँठ
-
जल
उदाहरण
. ति न नगर न नागरी, प्रतिपद हंस क हानि। - गरुड़
- आनंद, सुख
- मस्तक
- सुवर्ण
- पक्षी
- केश, बाल
- केशगुच्छ
- स्त्री का करण या क्रिया
- दुग्ध, दूध
- कृपणता
- विष
- भय
- खेती-बाड़ी
- कंडे की आग
हिंदी ; विशेषण
-
का
उदाहरण
. सुवा क बेल पवन होइ लागा । -
को
उदाहरण
. राम निकाई रावरी, है सबही को नीक । जो यह साची है सदा, तौ नीको तुलसीक ।
फ़ारसी ; अव्यय
-
की, या, अथवा
उदाहरण
. कागल नहीं क मस नहीं, नहीं क लेखणहार । - यह प्रत्यय तत्सम क्रियाओं के बाद लगर 'करने वाला' अर्थ देता है, जैसे— चाल, पाल, पाठ आदि
क के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएक के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएक के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएक के अंगिका अर्थ
- हैय अंगिका वर्णमाला रॉ पैहिलों व्यंजन वर्ण छै । हेकरों उच्चारण स्थान कंठ छै
क के अवधी अर्थ
का
-
क्यों, कहो
उदाहरण
. क भैया; क रे, क्यों रे; क बाबा! कहो बाबाजी! -
संबंध कारक का सूचक, जो ‘कै', का अथवा 'कर' का रूप है, देखिए : 'कर', 'कै'
उदाहरण
. रामराज क माई-रामराज की माँ (दे० कर, कै) -
कभी-कभी 'को' के अर्थ में कर्म कारक का चिह्न
उदाहरण
. वन क मारब-उनको मारूँगा, जिसमें 'क' वास्तव में 'का' 'काँ' अथवा 'कह' का सूक्ष्म रूप है
-
क्यों, कहो
उदाहरण
. क भैया; क रे, क्यों रे; क बाबा! कहो बाबाजी! -
संबंध कारक का सूचक, जो ‘कै', का अथवा 'कर' का रूप है, देखिए : 'कर', 'कै'
उदाहरण
. रामराज क माई-रामराज की माँ (दे० कर, कै) -
कभी-कभी 'को' के अर्थ में कर्म कारक का चिह्न
उदाहरण
. वन क मारब-उनको मारूँगा, जिसमें 'क' वास्तव में 'का' 'काँ' अथवा 'कह' का सूक्ष्म रूप है
क के कन्नौजी अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला के 'क' वर्ग का पहला व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण-स्थान कंठ है
क के गढ़वाली अर्थ
कऽ
- देवनागरी वर्णमाला का प्रथम व्यंजन वर्ण
- शब्द के अंत में प्रत्यय के रूप में लगकर का, के, को, के लिए, हेतु, कर, बाद आदि अर्थ का द्योतक
-
पढ़-लिख कर के
उदाहरण
. पढ़ी-लिखी क -
किसको या किसके लिए
उदाहरण
. कै क- -
किसका
उदाहरण
. केकु -
क्यों
उदाहरण
. क्यांकु
प्रत्यय
- कहाँ?
- the first consonant of the Devanagari alphabet.
- a morpheme suffixing the word meaning- of, for, after, etc.
Suffix
- where?.
क के बुंदेली अर्थ
विशेषण
- हिंदी वर्णमाला देवनागरी लिपि का प्रथम व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण स्थान कंठ है, हीन अर्थद्योतक उपसर्ग
क के ब्रज अर्थ
फेंक
- नागरी वर्णमाला का प्रथम व्यंजन
क के मैथिली अर्थ
- वर्णमाला का प्रथम व्यंजन
- the first consonant of alphabet.
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