netraabhishyand meaning in hindi
नेत्राभिष्यंद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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आँख का एक रोग जो छूत से फैलता है, आँख आने का रोग
विशेष
. भावप्रकाश के अनुसार इस रोग में आँखें लाल हो जाती हैं और उनमें बड़ी पीड़ा होती है। यह वातज, पित्तज, रक्तज और कफज चार प्रकार का होता है। वातज अभिष्यंद में सूई चुभने की सी पीड़ा होती है और ऐसा जान पड़ता है कि आँखों में किरकिरी पड़ी हो। इसमें ठंडा पानी बहता है और सिर दुखता है। पित्तज अभिष्यंद में आँखों में जलन होती है और बहुत पानी बहता है। ठंडी चीज़े रखने से आराम मालूम होता है। कफज अभिष्यंद में आँखें भारी जान पड़ती हैं सूजन अधिक होती है और बार-बार गाढ़ा पानी बहता है। इसमें गरम चीज़ों से आराम मालूम होता है। रक्तज अभिष्यंद में आँखें बहुत लाल रहती हैं और सब लक्षण पित्तज अभिष्यंद के से होते हैं। अभिष्यंद रोग की चिकित्सा न होने से अधिमंथ रोग होने का डर रहता है।
नेत्राभिष्यंद के तुकांत शब्द
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