सं

सं के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - सम्

सं के हिंदी अर्थ

अव्यय

  • एक अव्यय जिसका व्यवहार शोभा, समानता, संगति, उत्कृष्टता, निरंतरता, औचित्य आदि सूचित करने के लिए शब्द के आरंभ में होता है, जैसे—संभोग, संयोग, संताप, संतुष्ट आदि

    विशेष
    . कभी-कभी इसे जोड़ने पर भी मूल शब्द का अर्थ ज्यों का त्यों बना रहता है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता। जैसे—संप्राप्ति

  • द्वारा, से

उपसर्ग

  • करण कारक और उपादान कारक का चिन्ह, से

    उदाहरण
    . तैं एते सं तनु गुण हरयौ। न्याइ बियोगु विधाता करयौ।

सं के बुंदेली अर्थ

सम

  • समस्त का अर्थ बोधक उपसर्ग

सं के ब्रज अर्थ

  • साथ, संग, सहित

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