sa.nghyaa meaning in hindi
संघ्या के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
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दिन और रात दोनों के मिलने का समय , संधिकाल
विशेष
. दिन और रात के मिलने के दो समय हैं—प्रातः काल और सायंकाल । शस्त्रों में कहा है कि रात का अतिम एक दड और दिन का पहला एक दंड ये दोनों मिलाकर प्रातः सध्याकाल होते हे, और दिन का अतिम एक दड और रात का पहला एक दड ये दोनो मिलकर सायं संध्याकाल होते है । इसके अतिरिक्त कुछ लोग ठीक दोपहर के समय एक और सध्या मानते है, जिसे मध्याह्न संध्या कहते हैं । २ - दिन का अंतिम भाग , सूर्यास्त के लगभग का समय , शाम , सायंकाल
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आर्यों की एक विशिष्ट उपासना
विशेष
. वह उपासना प्रतिदिन प्रातः काल, मध्याह्न ओर संध्या के समय होती है । इसमें स्नान और आचमन करके कुछ विशिष्ट मंत्रों का पाठ, अंगन्यास, और गायत्री का जप किया जाता है । द्धिजातियों के लिये यह उपासना अवश्य कर्तव्य कही गई है । - दूसरे युग की संधि का समय , दो युगों के मिलने का समय , युगसंधि
- एक प्राचीन नदी का नाम
- सीमा , हद
- संधान
- एक प्रकार का फूल ९
- प्रतिज्ञा , वादा (को)
- चिंतन , मनन (को॰)
- योग , मेल (को॰)
- ब्रह्मा की पत्नी (को॰)
- दिन का कोई भी प्रभाग, जैसे पूर्वाह्नै, सध्याह्व, अपराह्व (को॰)
- काल या सूर्य की स्त्री (को॰)
संघ्या के तुकांत शब्द
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