तपनी

तपनी के अर्थ :

तपनी के हिंदी अर्थ

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह स्थान जहाँ बैठकर लोग आग तापते हों, कौड़ा, अलाव
  • तपस्या, तप
  • तपन

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गोदावरी नदी

    विशेष
    . दक्षिण भारत में गोदावरी को गंगा जैसी महत्ता प्राप्त है। यह नदी तप आदि के लिए प्रसिद्ध है।

  • पाठा नामक लता

    विशेष
    . पाठा लता वैद्यक में कड़वी, चरपरी, गरम, तीखी, हलकी, टूटी हड्डियों को जोडने वाली, पित्त, दाह, शूल, अतिसार, वातपित्त, ज्वर, वमन, विष, अजीर्ण, त्रिदोष, हृदयरोग, रक्तकुष्ठ, कंडु, श्वास, कृमि, गुल्म, उदररोग और कफ तथा बात का नाश करने वाली मानी गई है।

तपनी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बोरसी, घूर, वह स्थान जहाँ पर बैठकर जाड़े के दिनों मे लोग आग सेंकते हैं, कौड़ा

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