tulaapuruushkrichchh meaning in hindi

तुलापुरूषकृच्छ

  • स्रोत - संस्कृत

तुलापुरूषकृच्छ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का व्रत

    विशेष
    . इसमें पिण्याक (तिल की खली), भात, मट्ठा, जल और सत्तू इनमें से प्रत्येक को क्रमशः तीन-तीन दिन तक खाकर पंद्रह दिनों तक रहना पड़ता है। यम ने इसे 21 दिनों का व्रत लिखा है। इसका पूरा विधान याज्ञवल्कय, हरित आदि स्मृतियों में मिलता है।

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