vimarsh meaning in hindi
विमर्ष के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- विवेचन , विचार
- आलोचना , समीक्षा
-
नाटक का एक अंग जिसके अंतर्गत अपवाद, संफेट, व्यवसाय, द्रव, द्युति, शक्ति, प्रसंग, खेद, प्रतिषेध, प्ररोचना, आदान और छादन का वर्णन होता है
विशेष
. दोष कथन को अपवाद, क्रोध से भरी बातचीत को संफेट, कार्य के हेतु के उद्भव को व्यवसाय, शोक आदि के वेग में गुरुजनों के आदर आदि का ध्यान न रखने को द्रव, भय- प्रदर्शन द्वारा उद्धेग उत्पन्न करने को द्युति, विरोध की शांति को शक्ति, अत्यंत गुणकीर्तन या दोषदर्शन को प्रसंग, शरीर या मन की थकावट को खेद, अभिलषित विषय में रुकावट को प्रतिषेध, कार्यध्वंस को बिरोध, प्रस्तावना के समय नट, नटी नाटक या नाटककार आदि को प्रशंसा को प्ररोचना, संहार विषय के प्रदर्शित होने को आदान, तथा कार्योद्धार के लिये अपमान आदि सह लेने को छादन कहते हैं । - उद्वेग , व्याकुलता , क्षोभ (को॰)
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