संदेह के पर्यायवाची शब्द
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अनिर्णय
निर्णय का न होना, निर्णयहीनता, अनिश्चय, असमंजस, दुविधा
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अनिश्चय
संदेह, निश्चय का अभाव, निश्चय न होने की स्थिति, असमंजस, दुविधा
- अविश्वास
- आतंक
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आशंका
डर, भय, ख़ौफ़
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ऊहा
'ऊह'
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कूटनीति
व्यक्तियों अथवा राष्ट्रों के पारस्परिक व्यवहार में दाँव-पेंच की नीति या चाल
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ग़लतफ़हमी
किसी की कही हुई बात का अर्थ या आशय कुछ का कुछ समझ लेना, किसी ठीक बात को गलत समझना, कोई बात समझने में होने वाला धोखा, भ्रम
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त्रास
देखिए : 'तराश'
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दुगुना
किसी वस्तु आदि की मात्रा से उतनी और अधिक मात्रा जितनी की वह हो
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दलील
तर्क, युक्ति
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द्वैध
विरोध, परस्पर विरोघ, राजनीति के षड्गुणों में से एक जिसमें परस्पर के व्यवहार में गुप्त और प्रकट स्वभाव रखना पड़ता है अर्थात् मुख्य उद्देश्य गुश रखकर दूसरा उद्देश्य प्रकट किया जाता है
- द्वैधीभाव
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द्वापर
चार युगों में तीसरा युग जिसे पुराणों में 8, 64,000 वर्षों का माना गया है
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द्विविधा
दुबधा
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दोहरा
दो परत या तह का
- धोखा
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प्रकार
भेद, क़िस्म
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प्रमाद
किसी कारण से कुछ को कुछ जानना और कुछ का कुछ करना, वह अनवधानता जो किसी कारण से हो, भूल, चूक, भ्रम, भ्रांति
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भेद
प्रकार; तरह
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भय
एक प्रसिद्ध मनोविकार जो किसी आनेवाली भीषण आपत्ति अथवा होनेवाली भारी हानि की आशंका से उत्पन्न होता है और जिसके साथ उस आपत्ति अथवा हानि से बचने की इच्छा लगी रहती है , भारी अनिष्ट या विपत्ति की संभावना से मन में होनेवाला क्षोभ , डर , भीति , खौफ, ख़तरा
- भ्रम
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भ्रमण
घूमना-फिरना, विचरण
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भ्रांति
भ्रम, धोखा
- भूल
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मोह
कुछ का कुछ समझ लेनेवाली बुद्धि, अज्ञान, भ्रम, भ्रांति
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युक्ति
उपाय, ढंग, तरकीब
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व्यामोह
मोह
- विकल्प
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विचिकित्सा
संदेह, अनिश्चय, शक
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वितर्क
एक तर्क के उपरांत होनेवाला दूसरा तर्क, युक्ति, दलील
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विभक्त
बाँटा हुआ, विभाजित
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विभेद
विभिन्नता, फरक, अंतर
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विभ्रम
भ्रमण, चक्कर, फेरा
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विभिन्नता
विभिन्न होने का भाव, पार्थक्य, अलगाव, फर्क
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विवाद
किसी बात या वस्तु पर ज़बानी झगड़ा, वाक् युद्ध, कहासुनी, तकरार, बहस
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विविधता
अनेक प्रकार की बातों आदि से युक्त होने की स्थिति
- शक
- शंका
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शुबहा
अनुमानजन्य परंतु आधार रहित यह दृढ़ धारणा कि अमुक आपत्तिजनक या अपराधपूर्ण आचरण संभवतया अमुक व्यक्ति ने ही किया है
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संकल्प
कोई कार्य करने की वह इच्छा जो मन में उत्पन्न हो, विचार, इरादा
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संशय
मन की वह स्थिति जिसमें किसी बात के संबंध में निराकरण या निश्चय नहीं होता और उस बात का ठीक रूप जानने या समझने के लिए मन में उत्कंठा या जिज्ञासा बनी रहती है, दो या कई बातों में से किसी एक का भी मन में न बैठना, अनिश्चयात्मक ज्ञान, अनिश्चय, दुविधा, संदेह, शक, शुबहा
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