shmashru meaning in bagheli
श्मश्रु के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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मूँछ
उदाहरण
. हाथ श्मश्रु पर न गया तो तेरा सिर कठवा लगा।
श्मश्रु के बारे में रोचक तथ्य
यह ह्वेल मछली की तथा कुथ और समुद्री मछलियों की अंतड़ियों में जमी हुई चीज है जो भारतवर्ष, अफ्रीका और ब्राजील के समुद्री किनारों पर बहती हुई पाईजाती है । ह्वेल का शइकार भी इसके लिये होता है । अंबर बहुत हल्का और शीघ्र जलनेवाला होता है तथा आँच दिखाते रहने से बिलकुल भाप होकर उड़ जाता है । इसका व्यवहार औषधियों में होने के कारण यह नीकोबार (कालापानी का एक द्धीप) तथा भारत समुद्र के और टापुओं से आता है । प्राचीन काल में अरब, युनानी और रोमन लोग इसे भारतवर्ष से ले जाते थे । जहाँगीर ने इससे राजसिंह सन का सुंगंधित किया जाना लिखा है । उ॰—जिनन पास अंबर है इस शहर बीच । खरीद करनहार है सब वही च—दक्खिनी॰, पृ॰ ७९. । २. एक इत्र । उ॰—तेल फुलेल सुगंध उबटनो अंबर अतर लगावै रे ।— भक्ति॰, पृ॰ ३६० ।
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