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1.
इ
देवनागरी वर्णामाला में स्वर से अंतर्गत तीसरा बर्ण, इसका उच्चारणस्थान तालु और प्रयत्न विवृत है, ई इसका दीर्घ रूप है
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2.
ईमन
संतूर्ण जाति की एक रागिनी, ऐमन
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3.
ईमान
धर्म और ईश्वर के प्रति होने वाली आस्था, विश्वास, आस्तिक्व बुद्धि
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4.
ईंट
साँचे में ढ़ाल हुआ मिट्टा का चौखूँटा लंबा दुकड़ा जो पजावे में पकाया जाता हैं , इसे जोड़कर दीवार उठई जाती है
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5.
ईंगुर
एक खनिज पदार्थ जो चीन आदि देशों में निकलता हैं , इसकी ललीई बहुत चटकीली और सुंदर होती है , लाल वस्तुओं की उपमा ईगुर से दी जाती है , हिंदू सौभाग्यवती स्त्रियाँ माथे पर शोभा के लिये इसकी बिंदी लगाती हैं , इससे पारा बहुत निकाल जाता हैं