ई के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ई के ब्रज अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का चौथा स्वर- वर्ण, जो 'इ' का दीर्घ रूप है
  • प्रत्यय-ई प्रायः संज्ञा स्त्रीलिंग, क्रिया स्त्रीलिंग तथा भाववाचक संज्ञा बनाता है, यथा बच्चा से बच्ची, बुरा से बुरी, आया से आई, क्रोध से क्रोधी

स्त्रीलिंग

  • लक्ष्मी
  • शद्र की स्त्री

सर्वनाम

  • यह (निकट का संकेत)

सर्वनाम

  • ही, किसी शब्द या बात पर जोर देने का शब्द

    उदाहरण
    . नैननि साध ई जु रही।

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हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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