ii meaning in braj
ई के ब्रज अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का चौथा स्वर- वर्ण, जो 'इ' का दीर्घ रूप है
- प्रत्यय-ई प्रायः संज्ञा स्त्रीलिंग, क्रिया स्त्रीलिंग तथा भाववाचक संज्ञा बनाता है, यथा बच्चा से बच्ची, बुरा से बुरी, आया से आई, क्रोध से क्रोधी
स्त्रीलिंग
- लक्ष्मी
- शद्र की स्त्री
सर्वनाम
- यह (निकट का संकेत)
सर्वनाम
-
ही, किसी शब्द या बात पर जोर देने का शब्द
उदाहरण
. नैननि साध ई जु रही।
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
रजिस्टर कीजिएक्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा